मनीष सिसोदिया: सामाजिक कार्यकर्ता से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री तक का सफर

 


मनीष सिसोदिया: सामाजिक कार्यकर्ता से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री तक का सफर


नाम: मनीष सिसोदिया
 

पार्टी: आम आदमी पार्टी
जन्म: 05 जनवरी 1972

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की, उन्होंने साल 1993 में भारतीय विद्या भवन से जनसंचार में डिप्लोमा किया। इसके बाद साल 1996 में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए 'जीरो ऑवर' प्रोग्राम होस्ट किया। मनीष सिसोदिया ने साल 1997 से 2005 तक 'जी  न्यूज' में न्यूज न्यूज प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया। 

सिसोदिया ने 'कबीर' एनजीओ द्वारा एक्टिविज्म के क्षेत्र में पैर रखा। इसके बाद उन्होंने 'परिवर्तन' नाम के एनजीओ के साथ काम किया, इस एनजीओ ने सूचना के अधिकार के लिए भी अभियान चलाया था। मनीष उन नौ लोगों में भी शामिल थे, जिन्हें अरुणा रॉय ने सूचना का अधिकार अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए चुना था।  

साल 2006 में सिसोदिया ने केजरीवाल और अभिनंदन सेखरी के साथ मिलकर पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने साल 2011 में जनलोकपाल बिल के लिए लोकप्रिय आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।

इसके बाद साल 2012 में सिसोदिया के राजनीतिक सफर की आधिकारिक शुरुआत हुई, उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य साथियों के साथ मिलकर राजनीतिक दल - आम आदमी पार्टी का गठन किया। 

साल 2013 दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिसोदिया, भारतीय जनता पार्टी के नकुल भारद्वाज को हराकर विधायक बने। सिसोदिया ने यहां 11478 मतो से जीत हासिल की। इसके बाद पूर्ण बहुमत न होने की वजह से केजरीवाल ने इस्तीफ दे दिया, सरकार गिर गई। इसके बाद साल 2015 में एकबार फिर मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव में जीत हासिल की। इस बार उन्होंने भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को 24000 से ज्यादा मतों से हराया। 

शिक्षा के क्षेत्र में काम के लिए मिले अवॉर्ड :


  • मनीष सिसोदिया को साल 2016 में 100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में शामिल किया गया था। 

  • शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए काम के लिए उन्हें साल 2019 में चैंपियन ऑफ चेंज अवॉर्ड भी दिया गया।    



अब तक ये रहा पटपड़गंज विधानसभा का गणित : 
साल 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने 28000 से ज्यादा वोटों के अंतर से भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को हराया था। मनीष को 75477 वोट मिले, जबकि भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को 46716 वोट मिले। बता दें बिन्नी साल 2014 तक आम आदमी पार्टी के सदस्य थे, बाद में बिन्नी भाजपा में शामिल हो गए थे।

साल 2013 में भी मनीष सिसोदिया को ही इस सीट से जीत मिली थी। हालांकि इससे पहले लगातार तीन बार से कांग्रेस के उम्मीदवार ही इस सीट से जीत रहें थे। साल 1998 से 2003 तक इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर अमरीश सिंह गौतम यहां के विधायक रहे। इसके बाद साल 2008 में कांग्रेस के अनिल कुमार ने ही यहां से जीत हासिल की थी। भाजपा को यहां साल 1993 में सफलता मिली थी। तब यहां से भाजपा के उम्मीदवार ज्ञानचंद से जीत हासिल की थी। 

इस बार कांग्रेस के लक्ष्मण रावत और भाजपा के टिकट पर रवि नेगी भी मैदान में हैं। इस बार पटपड़गंज विधानसभा में सुरक्षा, पार्किंग, अतिक्रमण और साफ-सफाई जैसे मुद्दे अहम है।